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Treatments

Vamana Karma

Vamana Karma or Emasis Therapy is the first pradhana karma or the main line of treatment in Panchakarma, where in the imbalanced and vitiated doshas are removed via mouth …

Virechan

Medicated purgation therapy, removes Pitta toxins from the body that are accumulated in the liver and gallbladder, it completely cleanses the gastro-intestinal tract.It is …

Medicated Enema

Considered as a mother of all treatments, Basti cleanses the accumulated toxins from all the three doshas, Vata, Pitta and Kapha, especially the Vata toxins, through …

Rakta Moshan

This is a very effective blood purification therapy, in which carefully controlled removal of small quantities of blood is conducted to neutralize accumulated Pitta toxins of …

Popular Treatments

Kati Basti
If you want to relived any lower back tension, Kati Basti is for you. This specialized therapy relives and nourishes the lower back using herbal oils and ghee.
Janu Basti
Bothered by searing pain in your knees? In this therapy, your knee is bathed in warm medicated oils or herbal decoctions, taking 20-30 minutes.

About Us

चार वेदों में से चौथे अथर्व वेद को पूर्ण रूप से आयुर्वेद एवं योग के माध्यम से आरोग्यता प्राप्त करने के लिए रचा गया | जिसकी अवधारणा अस्वस्थ मनुष्य को सिर्फ स्वस्थ करने तक ही सीमित नहीं है अपितु संसार में कभी कोई भी मनुष्य, किसी भी व्याधि से ग्रस्त न हो | सभी सदैव स्वस्थ रहें |

प्रकृति का उपहार है आयुर्वेद

आयुर्वेद केवल रोगों की चिकित्सा तक ही सिमित नहीं है अपितु यह जीवन मूल्यों, स्वास्थ्य एंव जीवन जीने का सम्पूर्ण ज्ञान प्रदान करता है। आयुर्वेद के अनुसार शरीर में मूल तीन- तत्त्व वात, पित्त, कफ (त्रिदोष) हैं। अगर इनमें संतुलन रहे, तो कोई बीमारी आप तक नहीं आ सकती। जब इनका संतुलन बिगड़ता है, तो ही कोई बीमारी शरीर पर हावी होती है। आयुर्वेद चिकित्सा रोग के मूल कारण पर केन्द्रित है इसलिए रोग जड़ से समाप्त हो जाता है और उसकी पुन: उत्पति नहीं होती। आयुर्वेद में चिकित्सा करते हुए केवल रोग के लक्षणों को ही नहीं देखा जाता बल्कि इसके साथ साथ रोगी के मन, शारीरिक प्रकृति एंव अन्य दोषों की प्रकृति को भी ध्यान में रखा जाता है| यही कारण है कि एक ही रोग होने पर भी अलग अलग रोगियों की चिकित्सा एंव औषधियों में भिन्नता पाई जाती है।आयुर्वेद के अनुसार कोई भी रोग केवल शारीरिक अथवा केवल मानसिक नहीं हो सकता| शारीरिक रोगों का प्रभाव मन पर पड़ता है एंव मानसिक रोगों का प्रभाव शरीर पर पड़ता है, इसीलिए सभी रोगों को मनो-दैहिक मानते हुए चिकित्सा की जाती है। इसमें किसी भी प्रकार के रासायनिक पदार्थों का प्रयोग नहीं किया जाता इसलिए इन औषधियों का हमारे शरीर पर किसी भी प्रकार का कुप्रभाव नहीं पड़ता। आयुर्वेद में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने पर बल दिया जाता है ताकि किसी भी प्रकार का रोग न हो।😇😇

 

Our Speciality

  • महिलाओं क लिए महिला पंचकर्मा थेरेपिस्ट और पुरुषों क लिए पुरुष पंचकर्मा थेरेपिस्ट
  • महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग अलग पंचकर्म कक्ष की सुविधा
  • बवासीर, भगन्दर एवं गुदा मार्ग के रोगों के लिए विशेषज्ञ एवं पृथक क्षार सूत्र कक्ष की सुविधा
  • बाहर से आने वाले रोगियों के लिए रूकने एवं खाने की संपूर्ण व्यवस्था
  • स्वयं के द्वारा निर्मित शास्त्रोक्त विशुद्ध आयुर्वेद औषधियों का उपयोग
  • महिला एवं पुरुषों के समस्त प्रकार के जटिल रोगों की आयुर्वेद एवं पंचकर्म प्रणाली
  • महिला एवं पुरुषों में बंधत्व (निःसंतान) के निवारण हेतु आयुर्वेद में विशेष चिकित्सा सुविधा

स्वस्थ होने और स्वस्थ रहने के लिए आयुर्वेद सबसे सुन्दर माध्यम है

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